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शौच का समय Contest

मेरी आवाज़ सुनो
मेरी आवाज़ सुनो
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कुछ साल पहले की घटना है / मैं अपने पैतृक गांव बैकुंठवा एक रिश्तेदार की शादी में सम्मिलित होने आया हुआ था / यह गाँव बिहार प्रदेश के पश्चिम चंपारण जिले में है / यह क्षेत्र काफी पिछड़ा है / मुझे एक सप्ताह यहाँ रुकना था / जून का महीना था / काफी गर्मी पड़ रही थी / सुबह चार बजे ही उजाला दिखने लगता था / छह बजते ही तेज धुप निकल आता / यहाँ के लोग खूब सुबह उठ जाते थे / दिन में काफी गर्मी पड़ती थी / लेकिन जैसे ही रात गहरी हो जाती थोड़ी थोड़ी ठंढी हवा चलने लगती / सुबह होते- होते एक चद्दर की ठंढी लगाने लगती / बिजली के खम्भे तो थे लेकिन उसपर बिजली नदारद थी / रात को गर्मी से नींद नहीं आती और जब सुबह ठंढी हवा बहने पर नींद आती तबतक काफी धुप निकल गई होती / सारे लोग जग गए होते थे / फिर मुझे भी जग जाना पड़ता / फिर शौच के लिए हाथों में लोटा लिए हम किसी झाड़ी की खोज में निकल पड़ते / अभी तक यहाँ शौचागार की व्यवस्था नहीं हो पाई थी / दो -तीन दिन गुजर चुके थे / रोज सुबह साढ़े पाँच और छह बजे के बिच हम शौच के लिए खेतों में निकल जाते / उसी समय और कई लोग भी अपनी अपनी हाथों में लोटा लिए या किसी झाड़ी के पीछे शौच करते दिख जाते / कुछ लोग तो खुले मैदान में भी बैठे मिलते / लेकिन मुझे आश्चर्य होता की इनमे मुझे कोई भी महिला नहीं दिखती / मैं बड़ी दुबिधा में था की महिलाये शौच के लिए कहाँ जाती है / मैंने अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए अपने एक रिस्तेदार से इस बात को पूंछा / पहले तो वो हँसे / फिर उन्होंने जो बताया वह काफी हैरान करने वाला था /
उन्होंने कहा की यहाँ की महिलाये सूरज निकलने के पहले ही अपने नित्यकर्म से निवृत हो लेती है / सूरज निकलने के बाद पुरुष शौच के लिए निकलने लगते है तब यहाँ की महिलाओं को शौच के लिए बाहर निकलना मना होता है /
मैंने उनसे पूछा -” और यदि कभी दिन में उन्हें जरुरत महसूस हुई तो?”
उन्होंने जबाब दिया -” तब वह महिला अपने साथ कुछ महिलाओं को साथ लेकर निकलती है / हाथ में लोटा भी नहीं ले जाती / घर में आकर साफ़ होती है / शौच करते समय बाकि महिलाएं उसकी चरों ओर से निगरानी करती है और जब कोई पुरुष आता दिख जाता है तब वह उसे इशारा कर देती है जिससे शौच करती महिला उठ खड़ी हो जाती है / ”
फिर मैंने पूछ की क्या पुरुषों का भी शौच का समय निर्धारित होता है ?
तो जबाब मिला -” भला पुरुषों को इसकी क्या जरुरत है / वे जब चाहे, जहां चाहे शौच कर सकते है /

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