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मुझे दूसरे के घर जाना है न / contest

मेरी आवाज़ सुनो
मेरी आवाज़ सुनो
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अपने मित्र सोहन के साथ उसके बहन के घर पहुँचा / सोहन की बहन रेखा की शादी शहर से ४० किलोमीटर दूर एक गांव में हुई थी / सोहन और हम एक दूसरे के गहरे मित्र थे / हमें देखकर पता ही नहीं चलता की हमलोग मित्र है या सगे भाई / रेखा भी मुझे अपने छोटे भाई जैसा प्यार देती / रक्षा बंधन हो या भैया दूज सबमें वह मुझे और सोहन को बराबर का दर्जा देती थी / उसकी शादी हुए ८ साल हो गए थे / दो-दो बच्चे भी हो चुके थे / एक बड़ी बेटी जो लगभग ६ वर्ष की थी और छोटा बेटा चार साल का / वह जब भी मायके आती तो मेरे यहाँ जरूर आती और मुझे भी अपने ससुराल आने के लिए आमंत्रित करती / लेकिन मैं एक बार भी उसके घर नहीं जा पाया था / इस बार जब मैं छुट्टी पर था तब सोहन ने मुझे रेखा के ससुराल जाने का प्रस्ताव रखा / मैंने उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया / पहली बार मैं उसके ससुराल जा रहा था / मैंने रेखा के लिए एक साड़ी तथा बच्चों के लिए मिठाइयां और कुछ चॉकलेट ले ली / उसकी बेटी मिठाइयों की बड़ी शौक़ीन थी / बेटा को चॉकलेट पसंद था / मुझे दोनों के पसंद मालूम थे इसलिए मैंने दोनों के पसंद का ध्यान रखा / हमलोगों को अपने घरपर आया देखकर रेखा बहुत खुश थी / उसकी बेटी ने जब सूना की मैं आया हूँ तो वो मामा-मामा कहती हुई आकर मुझसे लिपट गई / उसका बेटा शर्मीले स्वभाव का था / वह अपने माँ के गोद से नज़रें झुकाकर मुझे देखने का प्रयास कर रहा था / मैंने उसे पुचकारना चाहा तो वह मुझसे छुड़ाकर अपनी माँ से और जोरो से लिपट गया / रेखा हमलोगों को बैठकखाने में बैठाकर बच्चे को लेकर अंदर चली गई / बेटी अभी भी मेरे पास थी / वह बहुत ही खुश थी / मैंने मिठाई का पैकेट खोलकर उसकी ओर आगे बढ़ाते हुए कहा –
” ये लो तुम्हारे पसंद की मिठाइयां ” /
वह ख़ुशी से मचल उठी / पुरे पैकेट को लेकर अंदर दौड़ते हुए चली गई /
सोहन बाथरूम में फ्रेश होने के लिए चला गया / थोड़ी ही देर में रेखा की बेटी मेरे पास आई /
मैंने उससे पूछा -” मिठाइयां कैसी थी ?”
उसने जबाब दिया “अभी मैंने नहीं खाया / ”
” क्यों ! तुम्हे तो मिठाइयां बहुत पसंद है न ?”
” हाँ वो तो है / लेकिन अभी तो बाबू को दे दिया है / बाद में खा लुंगी /
” बाबु के लिए तो मैं चॉकलेट लाया हूँ / उसे चॉकलेट पसंद है इसलिए /”
” तो क्या हुआ / उसे मिठाई भी पसंद है /”
” मिठाइयां तो बहुत सारी है / तुम भी उसमे से कुछ खा लो /”
” नहीं पहले वो खायेगा फिर बचेगा तो ही मैं खाऊँगी /”
” ऐसा क्यों ? ”
” वो तो लड़का है न / ”
उसका जबाब सुनकर मैं आश्चर्यचकित था /
” लड़का है तो क्या हुआ ?”
” दादी मां कहती है / उसे बड़ा होकर काम करने के लिए बाहर जाना होगा / उसे बहुत ताकत की जरुरत पड़ेगी / इसलिए उसे ज्यादा ज्यादा खाना चाहिए /’
” और तुम ?”
” मैं तो लड़की हूँ न / मुझे तो घर में ही रहना है / घर का काम करना है तो मैं कम भी खाऊँगी तो चल जाएगा / इसलिए जो भी चीज घर में आता है उसे पहले बाबु को दिया जाता है वह खाकर छोड़ता है तब मैं खाती हूँ /”
“और वह पूरा खा गया तो ?”
” मुझे नहीं मिलता / ”
” तो तुम अपने लिए जिद नहीं करती /’
” नहीं हमें जिद्दी नहीं बनना चाहिए / जो घर में मिले या बचे उसी से अपना काम चलाना चाहिए / नहीं तो आगे चलकर बहुत दिक्कत होगी /’
” तुझे दिक्कत होगी और बाबू को क्यों नहीं ?”
फिर उसने शरमाते हुए कहा ‘
” मुझे दूसरे के घर जाना है न / बाबु तो इसी घर में रहेगा / ”
मैं उसके इन जबाबो से सन्न रह गया था /

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