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आज के ही दिन अर्थात २७ फरवरी को सन २००२ में अयोधया से साबरमती एक्सप्रेस में लौट रहे रामभक्तों को गुजरात के गोधरा स्टेशन के नजदीक ट्रेन को रोक कर ज़िंदा जला कर मार दिया गया / मरने वालों ५९ रामभक्तों में २५ महिलाएं और १० मासूम बच्चें भी शामिल थे / इस घटना में दर्जनो लोग घायल भी हुए / और स्वाभाविक रूप से प्रतिक्रिया में भड़के हिंसा में हजारों लोगो को अपनी जान देनी पड़ी / जान-माल की जो क्षति हुई सो तो हुई ही भारत की छबि पुरे विश्व में ख़राब हो गई / तत्कालीन मुखयमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को कई देशों ने अपने यहाँ प्रतिबंधित कर दिया / भारत में भी मानवाधिकार प्रेमियों से लेकर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद सहित सभी हिंदूवादियों को आतंकवादी घोषित करने में किसी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ा / जाँच में भी कई बार नाटक सामने आया / लेकिन अंतिम विजय सत्य की ही हुई / दोषियों को सजा मिली / लेकिन इन सब घटनाक्रमों में दंगा में मारे गए अल्पसंख्यकों को ही ज्यादा महत्व दिया गया / साबरमती एक्सप्रेस में जल दिए गए बेकसूर रामभक्तों को भुला दिया गया / दंगा में मारे गए अल्पसंखयकों के लिए तो खूब आँशु बहाये गए और आज तक इस मुद्दे को अपनी राजनीती की रोटी सेंकने के लिए प्रयोग किया जाता रहा लेकिन उन निर्दोष लोगों के मौत को याद करने करने के लिए तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगो और मानवाधिकार संगठनों ने जरुरत नहीं समझा / आज उनके पुण्यतिथि पर हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते है /
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