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पहली जनवरी को अंग्रेजी नव वर्ष अब सिर्फ पश्चिमी देशों में ही नहीं सारे विश्व में धूम -धड़ाके के साथ पालन करने की परंपरा बन गई है / पिकनिक, सैर-सपाटा, मांस और मदिरा का सेवन , होटलों और बारों में रंगरेलिया, पब पार्टियों में ड्रग्स के नशे में धुत होकर अश्लीलता के हद तक पहुंचकर इस नव वर्ष का स्वागत किया जाता है / कही -कही तो नव वर्ष में सांस्कृतिक कार्यकर्मों के नाम पर खुलेआम अश्लीलता परोसा जाता है / जो भी हो अंग्रेजी नव बर्ष का स्वागत पुरे विश्व में जिस धूम-धड़ाके और उत्साह से मनाया जाता है शायद ही कोई और नव बर्ष को मनाया जाता हो / लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या पहली जनवरी से शुरू होने वाले इस नव वर्ष का कोई विशेष महत्व है या फिर यु ही कैलेण्डर को बदल देना ही नव बर्ष कि शुरुआत है / जनवरी में प्रकृति का नज़ारा कुछ इस तरह से होता है / इस समय पूरी धरती ठंढ क़ी गिरफ्त में होती है /मनुष्य से लेकर जानवर तक बाहर निकले से ज्यादा अपने – अपने आश्रयों में दुबके रहना ज्यादा पसंद करते है / सूरज क़ी तेज को घना कुहासा ढक देता है / शर्म से सूरज भी अपना मुंह छुपाकर रखता है / पेड़ों क़ी डालिया अपनी हरियाली को खोकर निर्जीव सी प्रतीत होती है / पहाड़ों क़ी कौन कहे मैदान से लेकर पेड़ों क़ी टहनियां तक सफ़ेद बर्फ से ढककर श्मसान का नज़ारा पेश करती है / कुछ फूलों के पौधे कलियों से भरना शुरू करके नयापन का आगाज़ प्रस्तुत करते है / ऐसे में प्रकृति शुरुआत का नहीं समाप्ति का नज़ारा प्रस्तुत करता नज़र आता है /
ठीक इसके विपरीत चैत्र प्रतिपदा को पूरी धरती नए रंग में रंगी नज़र आती है / पेड़ों क़ी टहनियां हरे पत्तियों और रंगीन फूलों से लद गई रहती है / सूरज क़ी रौशनी मनुष्यों से लेकर जानवरों में नए उमंग का संचार करते है / धरती का नज़ारा दुल्हन सा प्रतीत होता है / चारो और नयापन का एहसास होता है / इसलिए चैत्र प्रतिपदा को नया वर्ष मनाना प्रकृति के अनुरूप है / पहली जनवरी को सिर्फ कैलेण्डर बदल देना नया वर्ष नहीं हो सकता /
जो भी हो हम अपनी संस्कृति को किसी पर थोप नहीं सकते / लेकिन हम दूसरे क़ी संस्कृति को सम्मान देने के चक्कर में अपने संस्कृति को जो पूरी तरह से प्रकृति के अनुरूप है, नजरअंदाज भी नहीं सकते /
मेरी और से भी अंग्रेजी नववर्ष क़ी मंगल शुभकामनाएं /
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