मेरी आवाज़ सुनो
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अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दीवान मुस्लिम धर्मगुरु जैनुल ओबेदिन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के जियारत का बहिष्कार किया है। उन्होंने पाक सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों के सिर काटने के खिलाफ यह फैसला किया है ।
उन्होंने बातचीत में कहा कि मैं जियारत के वक्त उस जगह पर मौजूद नहीं रहूंगा और इस बात का मतलब पाक पीएम अशरफ जरूर समझते होंगे कि मेरी गैरमौजूदगी का मतलब क्या होता है। मुस्लिम धर्मगुरु जैनुल ओबेदिन ने अपने इस कदम से देशभक्ति का जो उदहारण पेश किया है वह काबिलेतारीफ भी है और उस मुसलमानों के लिये सिख भी जो अपने वतन से ज्यादा अपने धर्म से मोहब्बत करते है /
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