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खबर है की बांग्लादेश में इस्लामी गुटों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्य़ादा लोग घायल हो गए हैं.पुलिस के अनुसार इस झड़प में कई विपक्षी राजनीतिक दलों के समर्थक भी शामिल थे.ये प्रदर्शनकारी इंटरनेट पर ब्लॉग लिखने वाले कुछ लोगों के खिलाफ़ सख्त़ कदम उठाए जाने की मांग कर रहे थे जिनपर कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोप लगाए जा रहे हैं.देश के कई हिस्सों, शहरों और कस्बों में विभिन्न गुटों के बीच इस घटना के लेकर हिंसक झड़प हुई हैं.कई इस्लामी पार्टियों से जुड़े हज़ारों प्रदर्शनकारी शुक्रवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका की मुख्य मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद सड़कों पर उतर आए और विरोध रैली में हिस्सा लिया.
बांगलादेश अत्यंत निर्धन देशों में एक है / यहाँ की अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के निचे जीने के लिए मजबूर है / उद्योग की हालत अच्छी नहीं है / कृषि भी बांगलादेश के आर्थिक अवस्था के सुधार में कोई योगदान नहीं कर पा रहा है / सच्चाई यह है की जो बांगलादेश कभी सोना उगलता था वह आज बच्चे पैदा करने के अलावा कुछ भी नहीं कर पा रहा है / बांगलादेश की अर्थ व्यवस्था पड़ोशियों और कुछ इस्लामिक देशों के सहयोग पर टिका है /
बांगलादेश के नागरिक इस अवस्था को दूर करने के बजाय ईस निंदा और ईस गुडगान के चक्कर में अपनी उर्जा और समय को बर्बाद कर रहे है / बांगलादेश में कृषि के उन्नति के लिए, औद्योगिक विकास केलिए, शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कोई बड़ा आन्दोलन नहीं हो रहा है / केवल धर्म के नाम पर युवाओं का व्यवहार हिंसा और नफरत फ़ैलाने में हो रहा है / बांगलादेश को जरुरत है की अब वह इनसे दुरी बनाकर विकास का रास्ता को चुने / यहाँ के मानव संशाधन को उन्नत बनाकर उसका सदुपयोग करे ताकि फिर एक बार बंग भूमि “सोनार बंगला” बन जाये /
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